परिचय
कान्यकुब्ज वैश्य समाज, दिल्ली में भोजवाल समाज की विभिन्न उपनामों से जानी जाने वाली जातियों का एक समूह है जिसमें मुख्य रूप से गुप्ता, भुज, भुर्जी , मधेशिया, कौशल, सक्सेना, चंद्रवंशी, श्रीवास्तव, कानू, शाह, भटनागर, वैश्य आदि शामिल हैं। अब भोजवाल नाम उपर्युक्त सभी को मिलाकर इसी एक नाम से लोकप्रिय हो रहा है।
संस्था पंजीकरण
कान्यकुब्ज वैश्य समाज दिल्ली की स्थापना सन 2006 में सोसाइटीज पंजीकरण अधिनियम 1860 (क्रमांक एस-54108/2006) के तहत पंजीकृत है ।
उद्देश्य
कान्यकुब्ज वैश्य समाज (भोजवाल) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और निकटवर्ती क्षेत्रों में बिखरे हुए समाज के परिवारों को एक मंच पर लाना एवं विवाह योग्य युवक-युवतियों को आपस में परिचय कराने हेतु प्रतिवर्ष वैवाहिक परिचय सम्मलेन और पारिवारिक मिलन को आयोजित करना है। इसके अतिरिक्त समाज की पत्रिका " कान्यकुब्ज वैश्य परिवार " का प्रतिवर्ष सम्पादन एवं प्रकाशन करना है और समाज में कन्याओं के दहेज़रहित विवाह को प्रोत्साहित करना है। हम समाज में अंतिम पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश करते है और उनको शिक्षा के लिए प्रेरित करते है ।
आयोजन एवं कार्यक्रम
समाज ने २००६ में एक भव्य एवं विशाल सम्मलेन का आयोजन श्री राम जानकी भोजवाल मंदिर एवं धर्मशाला अयोध्या में सम्पन्न करवाया । इस कार्यक्रम में समाज के सभी वर्ग के लोगो ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा विभीषण कुंड पर इस विशाल भंडारे एवं पांचकुंडीय महायज्ञ का आयोजन समाज के सभी वर्गों द्वारा कराया गया और इसमें सैकड़ो परिवारों ने जोड़े सहित शामिल होकर पुण्य लाभ कमाया। इस कार्यक्रम में प्रतियोगी बच्चो को पारितोषिक वितरण किया गया।